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"विदाई " पिता *- एक पिता ही जानता है, कैसे वो र

"विदाई " 
पिता *-  
एक पिता ही जानता है, कैसे वो रस्मो को निभाता है 
हर वक़्त खुश रहकर, दर्द अपने दिल का छुपाता है.. 

हमेशा कहते है जो, मेरी बिटिया  रानी.. 
कैसे वो अपनी बिटिया को डोली मे बिठाता है... 

नहीं जान सकता कोई, दर्द उसके दिल का 
कैसे सबकी ख़ुशी के लिए आँसुओ को अपने, छुपाता है.. 

बह जाता है दर्द सबका, आँखों से 
पर वो हमेशा अपना दर्द, दिल मे दबाता है।। 
       - part-1 #vidaai(part-1)#nojoto#foryou#foryoupage
"विदाई " 
पिता *-  
एक पिता ही जानता है, कैसे वो रस्मो को निभाता है 
हर वक़्त खुश रहकर, दर्द अपने दिल का छुपाता है.. 

हमेशा कहते है जो, मेरी बिटिया  रानी.. 
कैसे वो अपनी बिटिया को डोली मे बिठाता है... 

नहीं जान सकता कोई, दर्द उसके दिल का 
कैसे सबकी ख़ुशी के लिए आँसुओ को अपने, छुपाता है.. 

बह जाता है दर्द सबका, आँखों से 
पर वो हमेशा अपना दर्द, दिल मे दबाता है।। 
       - part-1 #vidaai(part-1)#nojoto#foryou#foryoupage