अल्ट्रासाउण्ड लडकी ने कहा जो तीन महीने पहले पत्नी बनी अब मां बनने वाली है अपने कोख से ‘खानदान‘ जनने वाली है, तो पति को, तो पिता के सम्बोधन ने छुआ ससुर को, दादा के सम्मोहन ने मोहा सास को, दादी के भोलेपन ने भुलाया देवर को, ताता के तोतलेपन ने बुलाया अचानक एक दिन, एक मशीन , ने पिता के, पथभ्रमित पौरूष को दादा के, दकियानूसी दम्भ को दादी के, दोमुंहे दर्द को चाचा के, अधकचरी आधुनिकता को स्क्रीन/पटल पर उभार दिया, और संकीर्णता के शरीर में संवेदना से शून्य परिवार ने ‘ऐश्वर्य‘ के तेज ‘किरण‘ की ‘आशा‘ भरी ‘उषा‘ की साकार ‘महादेवी‘ को निराधार हथियार के कुंदधार से निराकार कर दिया!!! -विपिन कुमार सोनी 28.06.2000 प्रयागराज (इलाहाबाद) ©विपिन कुमार सोनी #AzadKalakaar