आज फिर याद आया, वो बिता हुआ कल यारों की यारी और मुस्कुराता हुआ पल। नैन सुनाते थे, अंगीनत ख्वाबों का गज़ल कहता था मन चल कहीं दूर उड़ जाये, साथ चल। ना देखी थी कभी ऐसी दोस्ती का शब्ब ना मिला था, मुझे कभी ऐसे हृदय निश्छल। चाहें किसी भी दिशा में हम बहे या जाये मचल पर अंत में समुद्र में जा मिल जाता है हर दिशा का जल। काश फिर से मिल जाए वो गुज़रा हुआ कल क्यों इतनी जल्दी गुज़र गया हमारी यारी वाला पल। आज फिर याद आया, वो बिता हुआ कल यारों की यारी और मुस्कुराता हुआ पल। #BitaHuaKal #yaari #friendship #mere_alfaaz