ढाई अक्षर प्रेम के, ज़ब से पढ़ लिए तेरे संग, ढाई अक्षर प्रेम के, तेरा जूनून इश्क का, सर पर सवार है तु हो जाए दूर भी तो, फितूर मिलने का, सर पर सवार है खफा हो कई दफ़ा मुझसे, ऐ जनाब!! तुमको मना कर अपना बनाने का फितूर, सर पर सवार है... सर पर सवार है....