की क्यों मरते हो यारो बेवफ़ा सनम के लिए अगर मरना ही है , तो मरो इस वतन के लिए हर हसीना अपना दुपट्टा बेजेगी तुम्हारे कफ़न के लिए।। कुछ समझ में आया भाइयों मेरे! राजपूत की ज़ुबानी ।