इश्क़ तेरा ______________ मिलती कहां हैं आजकल वो तुम्हारी मुस्कुराती शरारती सी आँखें, अब तो बस होंठ हिलते हैं जबरदस्ती हो जैसे दिल रखने के लिए,! वैसे तो सौ मरतबा हुई हैं तल्खियां गलतफहमियां हमारे दरमियाँ, फिर भी तरसती हैं निगाहें मेरी बस तुझे जी भर कर देखने के लिए,! 🦋💚🦋 मुसलसल तेरी आँखें कशिश पैदा करती हैं तुझसे बार बार इश्क़ करने को, सोहबत ही फरमा दो ज़नाब एक आखिरी कोशिश मेरी मुक़म्मल करने के लिए,! 🦋💚🦋 ये कशिश अभी भी ज़िंदा है तुझसे गुज़ारिशों का कोरा किर्तास लेकर, तवक़्क़ो नहीं तुझसे कोई फिर भी तुझसे चाहतें ताउम्र रखने के लिए,! परीशाँ नाशाद ना रहा कर जानेजां मेरी बेदादे इंतज़ार में मैं आज भी रहा हूँ मर, फ़ितूर नहीं है ये मेरा बस दीवानापन है तुझे बस ज़िन्दगी में वापिस लाने के लिए,! #alpanas,,💚"" इश्क़ तेरा ______________ मिलती कहां हैं आजकल वो तुम्हारी मुस्कुराती शरारती सी आँखें,