Nojoto: Largest Storytelling Platform

थक-हारकर बैठ जाता हूँ अक़्सर, एक नई आश लिए फ़िर खड़ा

थक-हारकर बैठ जाता हूँ अक़्सर, एक नई आश लिए
फ़िर खड़ा हो जाता हूँ उन्हीं राहों पर, एक नया विश्वास लिए
है एक हौसलों का ज़खीरा, जो खड़ा है अब हाथों में हाथ लिए

थक-हारकर बैठ जाता हूँ अक़्सर, फिर एक नई आश लिए... The simplicity of life is different when all hope, faith and courage are together.
थक-हारकर बैठ जाता हूँ अक़्सर, एक नई आश लिए
फ़िर खड़ा हो जाता हूँ उन्हीं राहों पर, एक नया विश्वास लिए
है एक हौसलों का ज़खीरा, जो खड़ा है अब हाथों में हाथ लिए

थक-हारकर बैठ जाता हूँ अक़्सर, फिर एक नई आश लिए... The simplicity of life is different when all hope, faith and courage are together.
himanshutomar9779

Death_Lover

New Creator