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#गूदड़ (2) माँ सुबह 5 बजे उठकर, घर का सारा काम करत

 #गूदड़ (2)

माँ सुबह 5 बजे उठकर, घर का सारा काम करती। हम सब को नाश्ता देती और खाना बनाकर टीचर मैडम के यहाँ चली जाती, सारा दिन उनके घर का काम करती शाम को 6 बजे घर वापस आती। रात का खाना टीचर मैडम के घर से आता था, उनके घर में जो भी बचा होता वह हमारे घर का रात का खाना बन जाता। हमारे लिए यह बहुत बड़ा एहसान था।मैं घर में बड़ी थी, मेरे पिता मेरी माँ को अक्सर ताने मारा करते थे कि मैं अपनी माँ की कुंवारे पन की नाजायज औलाद हूँ। मैंने बड़े होकर जब पूछा तो माँ बोली, बेटा तू सात माह में ही पैदा हो गई थी, तेरे
 #गूदड़ (2)

माँ सुबह 5 बजे उठकर, घर का सारा काम करती। हम सब को नाश्ता देती और खाना बनाकर टीचर मैडम के यहाँ चली जाती, सारा दिन उनके घर का काम करती शाम को 6 बजे घर वापस आती। रात का खाना टीचर मैडम के घर से आता था, उनके घर में जो भी बचा होता वह हमारे घर का रात का खाना बन जाता। हमारे लिए यह बहुत बड़ा एहसान था।मैं घर में बड़ी थी, मेरे पिता मेरी माँ को अक्सर ताने मारा करते थे कि मैं अपनी माँ की कुंवारे पन की नाजायज औलाद हूँ। मैंने बड़े होकर जब पूछा तो माँ बोली, बेटा तू सात माह में ही पैदा हो गई थी, तेरे

#गूदड़ (2) माँ सुबह 5 बजे उठकर, घर का सारा काम करती। हम सब को नाश्ता देती और खाना बनाकर टीचर मैडम के यहाँ चली जाती, सारा दिन उनके घर का काम करती शाम को 6 बजे घर वापस आती। रात का खाना टीचर मैडम के घर से आता था, उनके घर में जो भी बचा होता वह हमारे घर का रात का खाना बन जाता। हमारे लिए यह बहुत बड़ा एहसान था।मैं घर में बड़ी थी, मेरे पिता मेरी माँ को अक्सर ताने मारा करते थे कि मैं अपनी माँ की कुंवारे पन की नाजायज औलाद हूँ। मैंने बड़े होकर जब पूछा तो माँ बोली, बेटा तू सात माह में ही पैदा हो गई थी, तेरे #nojotophoto