चारों तरफ ख़राब वक्त और बिगड़ते हालात हैं हर इंसान यहां अब तो बेबस और लाचार है! एक तरफ़ ऑक्सीजन की कमी से मचा कोहराम है दूसरी ओर कोरोना ने छेड़ा संग्राम है! वक्त की मार कहो या ख़ुदा का कहर कह लो चारों तरफ ख़राब वक्त और बिगड़ते हालात हैं! इंसान इंसानों से है दूर रहने लगा अब घरों में बैठे बैठे हाथ मलने लगा है अब जो थे तरक्की के कगार पर बहुत जल्दी थी जिन्हें वक्त की आंधी ऐसी चली सिमट गए सब घर पर! जैसी करनी वैसी भरनी सब कुदरत का हाथ है मानो या ना मानो मनुष्यों के कर्मों को ये फल है हर इंसान यहां अब तो बेबस और लाचार है! ♥️ Challenge-557 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।