सुंदर आचार, सुंदर विचार, बस यहीं हैं मानव के श्रृंगार, रख हरवक्त आचरण शुद्ध, बस है यही मानवता का उपहार, ज्ञान चक्षु सदा खोलकर रख, नहीं करता हरवक्त कोई उपकार, मानवता है तो है मानव, बस यही मंत्र लगाएगा तेरा बेड़ा पार, देती है ज़िन्दगी हरघड़ी सीख नई, इस सीख को तू लेना सीख, मन को अपनें बांधकर, पाँव जमीं पे हरवक्त टिकाना सीख, सुंदर आचार, सुंदर विचार, बस यही है मानव के श्रृंगार, रख हरवक्त आचरण शुद्ध, बस है यही मानवता का उपहार #कविमनीष #NojotoQuote #कविमनीष