टीवी पर मौत के आकड़े देख कर परेशांन हो गया, मै ही नहीं पूरा विश्व हैरान हो गया कब रुकेगा मौत का सफर, हर कोई लाचार हो गया, आपदा बहुत सी आती और जाती है इस बार इंसान जान और जहान से कंगाल हो गया, लाशे गिन गिन कर परेशान हो गया कहाँ जाऊ इस धरती को छोड़ कर, इंसान और इंसानियत को बचाना दुश्वार हो गया परेशान हो गया