मोदी सरकार के इस क़दम से देश का कोयला क्षेत्र निजी कंपनियों के लिए खुल जाएगा. प्रधानमंत्री ने कहा कि नीलामी प्रक्रिया की शुरुआत होना देश के कोयला क्षेत्र को ‘दशकों के लॉकडाउन’ से बाहर निकालने जैसा है. हालांकि हक़ीक़त यह है कि इससे इन कोयला खदानों के समीप रहने वाले लोगों का अस्तित्व ख़तरे में पड़ जाएगा और इन खदानों में काम करने वाले कर्मचारियों और मजदूरों के रोजगार पर भी संकट आ जायेगा ।
इस नीलामी का पुरज़ोर विरोध हो रहा है परंतु उसके बाद भी सरकार खदानों में खनन की नीलामी प्रक्रिया करने पर अड़ी हुई है ।
आखिर क्या कारण है कि सरकार सभी सरकरीं उपक्रमों का निजीकरण करते जा रही है ? कहीं ये प्रक्रिया कुछ लोगों को निजी फायदा पहुचाने के लिए तो नही अपनाई गई ?
मोदी सरकार होश में आओ
मजदूरों से यूं न टकराओ ।। #NarendraModi#Auction#नरेंद्रमोदी#CoalBlocks#CoalMining#StopCommercialMining#कोलब्लॉक#कोयलाखनन#व्यावसायिकखनन