आंख से घायल है तेरी आंख ही देखी है बस ढंक रखा था तूने मुखड़ा आंख से देखी थी बस भाव तेरा पढ़ ना पाया भाग कुछ ढांके थी बस था नही पर्दा कोई वो श्वास की पट्टी (मास्क)थी बस की रहे फिर श्वास तब तक ले लूं एक पप्पी तो बस सोचकर मन मुग्ध है पर जान लूं क्या सोच है बस ©दीपेश #मास्क #मुग्ध #Eyes