दोस्तो "कुदरत बहुत महान है" "अकबर -ताज"जो बचपन से नेत्रहीन तथा उनकी आर्थिक स्थिति बहुत की कमजोर है """अकबर-ताज"कलयुग के सुरदास है ,, कल इनको सुनने का अवसर मिला तब लगता है कि"भारत के मुसलामाँ"इतिहास के कोहीनुर है ,,,, धर्म के ठेकेदारो ने"इंसानियत "को बाँटने मे ,जो महती भुमिका दिखाई