*मस्ती* एक *फ़कीर* की, *पढ़ा* गई ये *पाठ*...! गाँठ* में जिसके *कुछ नहीं*, उसके हैं सब *ठाठ*...!! *मस्ती* एक *फ़कीर* की, *पढ़ा* गई ये *पाठ*...! गाँठ* में जिसके *कुछ नहीं*, उसके हैं सब *ठाठ*...!!