तू इन्सान बड़ा प्यारा था, सबसे हंस के मिलता था, सबको चाहता था, लोग भी तुझको अपनो सा इज्ज़त दिया करते थें.. तू मिलने झूलने का प्रेमी था, दो दिन ना देखें जिसको घर जा हाल ले लिया करता था, तू ऐसा सब से मिलकर रहने वाला था.. कि अचानक तूझे ये क्या हुआ, सब छोड़ तू इस आभासी संसार का दीवाना हुआ.. हमेशा सर झुकाए ना जाने क्या करता रह रहा है तू सिर्फ़ मोबाईल में घुस किस संसार का दीवाना हो रहा तू.. आज का विषय👉 सुविधाओं की आड़ में आज कहीं ना कहीं हम सब सोशल मीडिया के गुलाम बनते जा रहे हैं। इस टॉपिक पर अपने विचार व्यक्त करें। इस पोस्ट को हाईलाइट करना ना भूलें। अनुचित शब्दों का प्रयोग ना करें।