तुम संध्या की सुनहरी किरण सी मेरे क्षितिज पर छा जाती हो, मैं उठता हूँ रह रहकर एक दर्द सा तुम बेपनाह मोहब्बत समेटे चली आती हो.. 💝💕 - Kavi Kumar Ashok #kavikumarashok #poetofvaranasi #poetoflove #love #jrkumar #प्रेरणा