"अबोली की बोली" भूल गए भगवान....फिर चूक हुई कुछ दिया,कुछ भर दिया। एक सजग मस्तिष्क टटोलो जो आयु का भी भान रखता है अपनी निराशा,घोर निराशा का भी माँ का! महत्व का! अबोली सिंह शेर,शेर ए पंजाब,भारत की बुलेट रेल अद्भुत हो,सोनू मोनू तुम🇮🇳 जब तुम बात करती हो तो लगता है कि तुमने अपने कर्मों से स्मृति तक भा जाना है तुम कितनी सहज होगी अपनी दिनचर्या में बाप रे बाप,लोग उदाहरण देते होंगे,तुम्हारा तुमने नैतिकता का अनुशासन साधा है! आँखों की गहराई कहती है सबके लिए प्रेम है! ईर्ष्या पर नियंत्रण....अबोली तुम कितनी महान हो! ये बातें बड़प्पन में नहीं कहीं गई हैं, अगर बड़प्पन में कहीं गई होती तो उस माँ ने उसे नाजों से ना पाला होता! भगवान से भगवान में भेद नहीं!! (✴️इंडियन आयडोल में अबोली आयी थी✴️) लकीर के फकीर बनो ।। "अबोली की बोली" भूल गए भगवान....फिर चूक हुई कुछ दिया,कुछ भर दिया। एक सजग मस्तिष्क टटोलो जो आयु का भी भान रखता है