हां माना की सिर्फ 17 दिन बाकी हैं तो उसके लिए उदास होकर समय व्यर्थ क्यों करूं, मैने सोचा है इन दिनों में सब लिखूं साथ लिखूं साथी की याद लिखूं, दोस्ती लिखूं बॉटल और ढकन की सारी बात लिखूं, Sms लिखूं और फिर सारी मस्ती और मजाक लिखूं, लिखूं मेरी और मेरी bread jam की कहानी और फिर से बस यूंही बातें करने के और हमेशा नाकामियाब हो जाती है जो मिलने की कोशिश वो मुलाकात लिखूं, लिखूं कुछ अपने बचपन के किस्से, कुछ प्यारी बातें, कुछ मुस्कान की यादें, कुछ भैया दीदी के साथ बिताई सारी लेट नाइट मस्ती वाली रातें, लिखूं कुछ वही स्कूल के किस्से कुछ कॉलेज की बातें कुछ खामोशी वाली बातें, कुछ मेरे कलम का सफर लिखूं, कुछ अपने कलम की ताकत का जिक्र लिखूं, कुछ उम्मीद लिखूं कुछ प्यार लिखूं, कुछ इंतजार लिखूं,कुछ एतबार लिखूं, रहे करार दिल में पर दिल फिर भी हो ही जाए बेकरार ये सब लिखूं... कुछ छूट जाए तो कोई बात नही पर कुछ छूटे ना वो कोशिश लिखूं, भरोसा लिखूं, यकीन लिखूं, सब लिखूं अगर सिर्फ 17 दिन है तो इन दिनों को यादगार लिखूं.. 17 दिन को ऐसे लिखूं की याद रहे, तसली लिखूं आराम लिखूं, दर्द बहुत लिख लिया अब थोड़ा सा दर्द का विराम लिखूं, माता पिता का आशीर्वाद लिखूं बहनों की भी बात लिखूं मैं मेरी कलम से खुशी और खुशहाली का पैगाम लिखूं, तो चलो शुरुआत करूं स्नेह के साथी हैं हम ये वाली भी बात लिखूं ये 17 दिन लिखूं को खास लिखूं Yourquote बंद हो रहा 17 दिन में पर 17 दिन तो हैं ही ना... तो बस... #स्नेह_के_साथी #yqdidi #yqhindi #yqbaba #mywritingmywords #mywritingmythoughts #yqfamily #love