बाग बिन बहार किस काम का साज बिन सितार किस काम का गुल बिना गुलज़ार किस काम का एहसासों बिना इज़हार किस काम का दिल बिना दिलदार किस काम का एक तेरे संग बिना प्यार किस काम का #गुलजार#दिलदार#इजहार