ज़हर वेख के पित्ता ता की पित्ता... मोहब्बत सोच के कित्ता ता की कित्ता दिल देके दिल लेंन दी आश रखी वे बूलिया प्यार बी लालच वेख के कित्ता ता की कित्ता की कित्ता