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विधवा होना, स्त्री के लिए दुर्भाग्य तो नहीं जिसके

विधवा होना, स्त्री के लिए दुर्भाग्य तो नहीं
जिसके कारण उन पर पाबंदी लगाई जाए, 
अलग आचरण और वस्त्र निर्धारित किए जाए,
किसी भी शुभ कार्यो में उनका होना गलत माना जाए,
क्या ये सभी नियम.... विधुर हो चुके पुरूषों के लिए भी हैं? 
नहीं न.... 
फ़िर क्यूँ? 
पत्नी की मृत्यु के पश्चात, पति का ये कहकर की बच्चों को एक माँ की जरूरत है... 
और तो और...जिनकी कोई औलाद नहीं... उनके सामने अभी तो पूरी उम्र पड़ी है, 
ये कहकर उनका दूसरा विवाह करना अगर गलत नहीं है तो.... 
ये मापदंड एक स्त्री के लिए कैसे अधर्म हो गया? 
ये दोगलापन नहीं तो क्या है? 
क्या लोगों की भीड़ में जिस तरह एक स्त्री को पहचाना जा सकता है, उसके द्वारा निभाये गए आचरण और निर्धारित किए गए वस्त्रों से.....समाज के उस रवैये से, जिससे उन्हें अलग-थलग रखा जाता है... क्या सिर्फ़ इसलिए कि उसने अपना पति खोया है? 
मैं पुछती हूं? 
क्या उसी भीड़ में.... उन पुरूषो को भी खोज पाना संभव है? जिसने अपनी पत्नी को खोया है... 
क्या ये सही नहीं है कि चाहे वो स्त्री हो या पुरुष.... दोनों के लिए समान नियम बनाए जाये.... दोनों को अपनी-अपनी जिंदगी में अपनी खुशियो को पाने के लिए कदम बढ़ाने दिया जाए?
सम्मान की दृष्टि से दोनों को एकसमान देखा जाए... 
दोनों को किसी खुशी के अवसर पर अशुभता के विचार से परे उन्हें खुश होने और शामिल होने दिया जाए....  #130thquote
विधवा होना, स्त्री के लिए दुर्भाग्य तो नहीं
जिसके कारण उन पर पाबंदी लगाई जाए, 
अलग आचरण और वस्त्र निर्धारित किए जाए,
किसी भी शुभ कार्यो में उनका होना गलत माना जाए,
क्या ये सभी नियम.... विधुर हो चुके पुरूषों के लिए भी हैं? 
नहीं न.... 
फ़िर क्यूँ? 
पत्नी की मृत्यु के पश्चात, पति का ये कहकर की बच्चों को एक माँ की जरूरत है... 
और तो और...जिनकी कोई औलाद नहीं... उनके सामने अभी तो पूरी उम्र पड़ी है, 
ये कहकर उनका दूसरा विवाह करना अगर गलत नहीं है तो.... 
ये मापदंड एक स्त्री के लिए कैसे अधर्म हो गया? 
ये दोगलापन नहीं तो क्या है? 
क्या लोगों की भीड़ में जिस तरह एक स्त्री को पहचाना जा सकता है, उसके द्वारा निभाये गए आचरण और निर्धारित किए गए वस्त्रों से.....समाज के उस रवैये से, जिससे उन्हें अलग-थलग रखा जाता है... क्या सिर्फ़ इसलिए कि उसने अपना पति खोया है? 
मैं पुछती हूं? 
क्या उसी भीड़ में.... उन पुरूषो को भी खोज पाना संभव है? जिसने अपनी पत्नी को खोया है... 
क्या ये सही नहीं है कि चाहे वो स्त्री हो या पुरुष.... दोनों के लिए समान नियम बनाए जाये.... दोनों को अपनी-अपनी जिंदगी में अपनी खुशियो को पाने के लिए कदम बढ़ाने दिया जाए?
सम्मान की दृष्टि से दोनों को एकसमान देखा जाए... 
दोनों को किसी खुशी के अवसर पर अशुभता के विचार से परे उन्हें खुश होने और शामिल होने दिया जाए....  #130thquote