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शाम कुछ रुआंसी सी थी सुबह कुछ कुहासी सी थी जग तो व

शाम कुछ रुआंसी सी थी
सुबह कुछ कुहासी सी थी
जग तो वैसा ही था 
मन में मेरे उदासी सी थी

हंस पड़ा सारा संसार
यूं लगा आयी बहार
संसार फिर भी वही था
 मन में मेरे बदली बयार ... #nojotohindi#मन#बयार#poetry#Kavita
शाम कुछ रुआंसी सी थी
सुबह कुछ कुहासी सी थी
जग तो वैसा ही था 
मन में मेरे उदासी सी थी

हंस पड़ा सारा संसार
यूं लगा आयी बहार
संसार फिर भी वही था
 मन में मेरे बदली बयार ... #nojotohindi#मन#बयार#poetry#Kavita
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