छोटे छोटे ख़्वाब पलकों में छुपा लेती हूँ। जाने कितने राज़ मैं अपने मन में दबा लेती हूँ। कोई तो पढ सकेगा कभी मेरी ख़ामोश आँखें! बस इसलिए ही मैं ख़ुद को क़िताब बना लेती हूँ। ♥️ Challenge-770 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।