मै जीती हूं शेरो की तरह , अपने अंदाज में चला करती हूं। ना परी हूं ,ना परियो की कहानियों में रहा करती हू। वास्तविताओं से सुशोभित है मेरी छवि , तभी हर दम मुस्कुराया करती हू। नारी हूं मुझे समझना खेल नहीं , मै अपने कर्तव्य को भली - भाती समझती हूं। गम मुस्कुराकर संभाल लेती और, आसुओं को छुपकर धीरे से अपने आंचल में समेट लेती हूं अपने गम का साया ना किसी पर आने देती हूं नारी हूं स्वयं एक अनोखी शक्ति हूं। कहीं बलिदान तो कभी आत्म समर्पण करती हूं प्यार मुझे भी है अपने आप से पर, अपनों की खुशियों के खातिर हर बात में संभाल लेती हूं । ©Minchi jain read full must #नारी #नारीशक्ति #Woman #inspirition #Motivation #positive #power #Quote #post #treanding