शीषर्क : आखिरी सलामी Poem in caption 👇 ये सलामी है उन शहीदों के नाम जिनका नाम आज़ादी की गूंज में कही गुम गया..!!! उन माटी के लालों के नाम जो माटी में खेल बड़े हुए, माटी के लिए जिये और माटी के लिए ही मर मिटे..!! उन शहीदों के नाम जो ना हिंदू थे, ना मुस्लिम थे, ना सिख थे, ना ईसाई थे बस भारत माँ के सिपाही थे..!! उन शहीदों के नाम जो गाँधी की लाठी थे, भगतसिंह की गोली थे, चंद्रशेखर के बम और नेताजी की फौज बने..!!