ST एक सही ज्ञान गीता में लिखा है कर्म कर फल की चिंता मत कर मतलब जो आप कर्म करते है उसका अभिमान भी अपने मन में मत रख जितना तुम्हे मिलना होगा उतना तुम्हे मिल जाएगा बाकी व्यवस्था बनाने की और चला जाएगा लेकिन ये बातें उस मनुष्य के लिए है जो भक्त है अनजाने में भी परेशानी सहन कर सकता है लेकिन अपने कारण किसी जीव को दुख देना नही चाहता जो व्यक्ति गीता या किसी पवित्र किताब के बारे में कुछ बात करे उससे पहले अपने बारे में जरूर जान ले कि क्या वो भक्त है क्या वो ऐसे नियमो कर्म को मानता है जो नियम कर्म व्यक्ति को भगवान या भक्त या शैतान या साधारण मनुष्य बनाते है ©Sandeep kumar Sakhawar great पॉइंट god gift #LataMangeshkar