_एक बेटी को अपने बाप के आंगन में खिलते देखा हैं_ _उस बाप को उस फूल की रखवाली करते हुए देखा हैं_ _कुछ काफिरों की गन्दी नजरों से उसे बचते हुए देखा हैं_ _उसकी आंखो में उसके राजकुमार के सपने सजाते देखा हैं_ _हा साहब मैने देखा हैं_ _एक फूल को बेटी और फिर उसे दुल्हन बनाते हुए देखा हैं_ _अपने संस्कारों के प्रकाश से मैने उसे दोनों कुलो में जगमगाते देखा हैं_ 😔😔 To be continued......... Drx_Vinay_Shukla. #A_war_Against_Dowry_System निdhi🖤