गमन करते हुए खुद में , बनी नगमा यहां पर वो सुमन कितने यहां बिखरे , बनी पद्मा यहां पर वो सभी मंजिल कई रस्ते हमेशा नाम के तेरे प्रकाशित हो सभी कोना ,जली शम्मा यहां पर वो ©Nandan mishra #नंदन_मिश्र #womensday