आज भी अपनी गलियों में तुम्हारा इंतज़ार करती हूं, जानकर ही सही तुम्हें गलती से फोन कई बार करती हूं , चांद के बहाने ही सही रोज़ तुम्हारा दीदार करती हूं, क्या आज भी मैं तुमसे प्यार करती हूं? first part😍😍