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आज भी अपनी गलियों में तुम्हारा इंतज़ार करती हूं,

आज भी अपनी गलियों में तुम्हारा इंतज़ार करती हूं,
 जानकर ही सही तुम्हें गलती से फोन कई बार करती हूं , 
चांद के बहाने ही सही रोज़ तुम्हारा दीदार करती हूं,
क्या आज भी मैं तुमसे प्यार करती हूं? first part😍😍
आज भी अपनी गलियों में तुम्हारा इंतज़ार करती हूं,
 जानकर ही सही तुम्हें गलती से फोन कई बार करती हूं , 
चांद के बहाने ही सही रोज़ तुम्हारा दीदार करती हूं,
क्या आज भी मैं तुमसे प्यार करती हूं? first part😍😍