सीखना चाहिए आचरण हमें हमारे पूर्वजों से, हमारी संस्कृति ही तो हैं जो किसी क़ीमत पर नहीं बिक़ती, ज़रूरत हैं बच्चों को बुजुर्गों के पास बैठने की, क्योंकि हम सभी जानते हैं हर चीज़ गूगल पर नहीं मिलतीं, हम सीख लेंगे अग़र अपने पूर्वजों या बड़ो से, तो देश विकास की राह पर आसानी से चल पायेगा, वरना आज़कल सामाजिक मीडिया से तो बस, कोई मुज़रा करने वाला ही निकल कर आयेगा। अग़र लिए हो आशीर्वाद बड़ो का तो, रास्तों के पत्थर तोड़ने का हुनर भीतर पाओगे, वरना इस दिखावटी दुनियां में, गिरते फिसलते रहोगें औऱ किसी अँधेरे में खो जाओगे। कुछ लोग आज कर युग में अपने को ज्ञानी ख़ूब बताते हैं, पर उम्र ढलते ही माँ-पिता को बाहर का रास्ता दिखाते हैं, ये वहीं माँ हैं जो नौ माह अपने खोख मे तुमकों पाली हैं, ये वहीँ पिता हैं तुमकों सवारने को जिनकी जेब ख़ाली हैं, तो क्यु करतें हो पाप,जो आगे चलकर तुम पर भी गुज़रेगा, आज उन्हें अलग कर रहें तो जान लो, कल तुम्हारा भी खून तुमकों अपनाने को मुकरेगा। ©Amar Singh #amar61090 #people #PARENTS #Luminance