जिसके तू में भी हम जिसके हम में भी तू मेरी ग़ज़लों की बस तू ही है आबरू है शामे अवध तर्ज़ुमा हु ब हु तू ही है रु ब रु, तू ही है रु ब रु # तू ही है रु ब रु