Nojoto: Largest Storytelling Platform

मर्म उर में तृष्णा का संताप बढ़ रहा है मौन हैं ये

मर्म उर में तृष्णा का संताप बढ़ रहा है
 मौन हैं ये चश्म किंतु 
 वेदना का श्राप अनायास बह रहा है
✍🏻Rajnikant ojha

©mr.ojha
  #alone  हिंदी कविता  हिंदी कविता
rajanikantojha3674

mr.ojha

New Creator

#alone हिंदी कविता हिंदी कविता

117 Views