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मेरे यार के शहर से अब,कोई खबर नहीं आती, फिर मुझे

मेरे यार के शहर से अब,कोई खबर नहीं आती, 
फिर मुझे क्यों निंद अब,रात भर नहीं आती!

आंख लगती है जरा तो,आती है वो खाब में, 
मगर मुझे है रंज ख्वाब रात भर नहीं आती!! 

उनके शहर से आती है, मेरे शहर हवाएं भी, 
सुना है बस कि आती है, मै हुं जिधर नहीं आती! 

मै इश्क हुं भटक रहा, दर ब-दर तलाश में, 
वो हुस्न है, गुरुर है, वो दर ब-दर नहीं जाती! 

सुनता हूँ मैं वो आती है, मेरे शहर कभी कभी, 
अब आती होगी काम से, मेरे तो घर नहीं आती! 
प्रतिहार!! प्रतिहार
मेरे यार के शहर से अब,कोई खबर नहीं आती, 
फिर मुझे क्यों निंद अब,रात भर नहीं आती!

आंख लगती है जरा तो,आती है वो खाब में, 
मगर मुझे है रंज ख्वाब रात भर नहीं आती!! 

उनके शहर से आती है, मेरे शहर हवाएं भी, 
सुना है बस कि आती है, मै हुं जिधर नहीं आती! 

मै इश्क हुं भटक रहा, दर ब-दर तलाश में, 
वो हुस्न है, गुरुर है, वो दर ब-दर नहीं जाती! 

सुनता हूँ मैं वो आती है, मेरे शहर कभी कभी, 
अब आती होगी काम से, मेरे तो घर नहीं आती! 
प्रतिहार!! प्रतिहार

प्रतिहार #शायरी