मेहर ओ माह, बादल, परिंदे कौन-कौन उसे अपना बताता है हर कोई उस पर अपना इख्तियार जमाता है वह पनाह देता है हर किसी को अपने आगोश में दिलफेंक आशिक है वह जो सब पर अपना एतबार दिखाता है तू भी तो शामिल है दिल तोड़ने के जुर्म में फिर क्यों तू सबको गुनाहगार बनाता है सबका होकर भी किसी का ना होना आसां तो नहीं ऐसे ही कोई किसी का रहगुज़र नहीं हो जाता तू सीख उस आसमान से कुछ "अनाम" तू क्यों मोहब्बत का व्यापार करता है। कुछ भी,,,,😅 #अनाम #गढ़वालीगर्ल #अनाम_ख़्याल #आसमान #मेहरओमाह #morningthoughts #fromurdukipathshala