ममता की छाँव, है मेरे गाँव, गली गली है ममता भाव , कहीं ना मिले ऐसी शीतल ठाँव, पवित्र पावन भूमि जैसे नंदगाँव, किसी के मन में बैर भाव ना कुदाँव, पशुओं को करें प्यार,ना बांधे गरांँव। माँ बता क्यों तेरी गलियाँ, सकूं भरी, क्यों डाल- डाल है ममता भरी , खिलखिला जाता है बचपन मेरा, जब जब आऊँ ,ए माँ मैं तेरी गली। ♥️ Challenge-535 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ ♥️ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए।