दूर-दूर तक रेगिस्तान , बंजर ज़मीन । गर्म हवाओं के थपेड़े , पानी का एक कतरा नहीं । . . . . . . फिर , इक नन्ही सी जान । पौधे पे नज़र पड़ी , और उसके बाद क्या था ? आंखों और मन , की तलब को सुकुं मिला । ©Anuradha Sharma #banjar #registaan #thoughts #inspiration #positivity #urduhindi_poetry #lifelessons #yqquotes #Nojoto #Flower