मुस्कान में अपनी सारे ग़म समेट लेती है कभी दुखी हो ज्यादा तो वो रो देती है वैसे तो नाम में उसके है भागदौड़ खुद की तलाश में मगर कहीं रुकी रुकी सी है दोस्ती का एहसास बख़ूबी समझती है करनी हो मसखरी ये फिर कहां रुकती है खिलखिलाकर महफ़िल की शान बढ़ाती है बॉलीवुड की बातें थोड़ी कम समझ आती है कुछ भी कहा है ये हरफनमौला सदा खुश रहे इतनी सी इल्तिजा है मौला । #yqbaba #yqdidi #friendship #dostea #yqbhaijan #series 1