Nojoto: Largest Storytelling Platform

मुस्कान में अपनी सारे ग़म समेट लेती है कभी दुखी हो

मुस्कान में अपनी सारे ग़म समेट लेती है 
कभी दुखी हो ज्यादा तो वो रो देती है 
वैसे तो नाम में उसके है भागदौड़ 
खुद की तलाश में मगर कहीं रुकी रुकी सी है 
दोस्ती का एहसास बख़ूबी समझती है 
करनी हो मसखरी ये फिर कहां रुकती है 
खिलखिलाकर महफ़िल की शान बढ़ाती है 
बॉलीवुड की बातें थोड़ी कम समझ आती है 
कुछ भी कहा है ये हरफनमौला 
सदा खुश रहे इतनी सी इल्तिजा है मौला । 

 #yqbaba #yqdidi #friendship #dostea #yqbhaijan #series 1
मुस्कान में अपनी सारे ग़म समेट लेती है 
कभी दुखी हो ज्यादा तो वो रो देती है 
वैसे तो नाम में उसके है भागदौड़ 
खुद की तलाश में मगर कहीं रुकी रुकी सी है 
दोस्ती का एहसास बख़ूबी समझती है 
करनी हो मसखरी ये फिर कहां रुकती है 
खिलखिलाकर महफ़िल की शान बढ़ाती है 
बॉलीवुड की बातें थोड़ी कम समझ आती है 
कुछ भी कहा है ये हरफनमौला 
सदा खुश रहे इतनी सी इल्तिजा है मौला । 

 #yqbaba #yqdidi #friendship #dostea #yqbhaijan #series 1