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एक दिन जब ये साँसे चलते चलते रुक जाएंगी लड़खड़ा

एक दिन जब ये साँसे
     चलते चलते रुक जाएंगी
लड़खड़ाते ये कदम 
      कहीं थम से जायेंगे
खुली आंखें 
       हमेशा के लिये बन्द हो जाएंगी
बहता रक्त शरीर में जम जाएगा 
        कैसा होगा वक्त वो
क्या मंजर अजीब होगा ?
        हो पाएंगी बांते कुछ पल अपने आप से
या अचानक ही मौत से सामना होगा
        अभी तो ये सुकून की जिंदगी है
 फिर कुछ वक्त बाद कटता सफर बन जाएगा
         और ये हस्ट पुस्ट बदन 
 जब हांड मांस का पुतला 
          बन कर रह जाएगा
आएगा तब वक्त वो 
           जब ये शरीर रूह से
जुदा हो जाएगा 
            और तू नींद मुककम्मल 
  सो जाएगा ।।।


         ( प्रशांत ) मौत #apoem on life #reality of life  Akashdeep Srivastava Devendra Kumar Anuj Yadav broken_boy bipul kumar
एक दिन जब ये साँसे
     चलते चलते रुक जाएंगी
लड़खड़ाते ये कदम 
      कहीं थम से जायेंगे
खुली आंखें 
       हमेशा के लिये बन्द हो जाएंगी
बहता रक्त शरीर में जम जाएगा 
        कैसा होगा वक्त वो
क्या मंजर अजीब होगा ?
        हो पाएंगी बांते कुछ पल अपने आप से
या अचानक ही मौत से सामना होगा
        अभी तो ये सुकून की जिंदगी है
 फिर कुछ वक्त बाद कटता सफर बन जाएगा
         और ये हस्ट पुस्ट बदन 
 जब हांड मांस का पुतला 
          बन कर रह जाएगा
आएगा तब वक्त वो 
           जब ये शरीर रूह से
जुदा हो जाएगा 
            और तू नींद मुककम्मल 
  सो जाएगा ।।।


         ( प्रशांत ) मौत #apoem on life #reality of life  Akashdeep Srivastava Devendra Kumar Anuj Yadav broken_boy bipul kumar