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शिर्षक -- क्रांति की लहर जब भी क्रान्ति की लहर उ

शिर्षक -- क्रांति की लहर 

जब भी क्रान्ति की लहर उठेगी
उन लहरों का सागर होगा भगत सिंह
और इस सारे जहाँ मे देश प्रेम और 
इंकलाब का गागर होगा भगत सिंह

ना जाने ये क्रांति कब और
कैसे हो गयी 
और ना जाने कब और कैसे इस 
क्रांति के चिंगारी से देश प्रेम की
आग सारे जहाँ मे फैल गयी 

अभी तो स्वतन्त्रता के लड़ाई की 
शुरुआत भगत से हुई थी... 
अभी राजगुरु और सुखदेव बाकी थे 
जैसे ही भगत के क्रान्ति वाली बात
सुखदेव और राज गुरु को पता चली 
इंकलाब की आग उन दोनों के लहू मे
भी लग गयी... 

अपनी भरी जवानी मे इस देश प्रेम 
की कहानी मे 
उन तीनों जवानो ने अपने नाम 
स्वर्ण अक्षर से गढ़ा दिए 
और अपनी जिन्दगी को देश के
नाम कर बड़े ही प्यार से बड़े ही 
जोश से अपने मौत को गले लगा लिए 

आज भी उनका देश प्रेम, उनकी वहीं 
क्रान्ति, हमारे देश मे जिन्दा है, लेकिन 
वहीं सुखदेव, वहीं राजगुरु और वहीं 
भगत अब इस देश मे ना रहे और ना ही 
दुबारा पैदा हुए..

हम ऐसे वीर जवानों को ईन अलबेले 
मस्तान को शत शत नमन करते हैं 
शत शत नमन करते हैं।

✍️Rohit Narendra Zade #क्रांतिकीलहर

#bhagatsingh
शिर्षक -- क्रांति की लहर 

जब भी क्रान्ति की लहर उठेगी
उन लहरों का सागर होगा भगत सिंह
और इस सारे जहाँ मे देश प्रेम और 
इंकलाब का गागर होगा भगत सिंह

ना जाने ये क्रांति कब और
कैसे हो गयी 
और ना जाने कब और कैसे इस 
क्रांति के चिंगारी से देश प्रेम की
आग सारे जहाँ मे फैल गयी 

अभी तो स्वतन्त्रता के लड़ाई की 
शुरुआत भगत से हुई थी... 
अभी राजगुरु और सुखदेव बाकी थे 
जैसे ही भगत के क्रान्ति वाली बात
सुखदेव और राज गुरु को पता चली 
इंकलाब की आग उन दोनों के लहू मे
भी लग गयी... 

अपनी भरी जवानी मे इस देश प्रेम 
की कहानी मे 
उन तीनों जवानो ने अपने नाम 
स्वर्ण अक्षर से गढ़ा दिए 
और अपनी जिन्दगी को देश के
नाम कर बड़े ही प्यार से बड़े ही 
जोश से अपने मौत को गले लगा लिए 

आज भी उनका देश प्रेम, उनकी वहीं 
क्रान्ति, हमारे देश मे जिन्दा है, लेकिन 
वहीं सुखदेव, वहीं राजगुरु और वहीं 
भगत अब इस देश मे ना रहे और ना ही 
दुबारा पैदा हुए..

हम ऐसे वीर जवानों को ईन अलबेले 
मस्तान को शत शत नमन करते हैं 
शत शत नमन करते हैं।

✍️Rohit Narendra Zade #क्रांतिकीलहर

#bhagatsingh
rohitzade2841

Rohit Zade

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