पास आओ कभी इतना के दूर जाना न पड़े करो कुछ ऐसा जतन के बिछड़ के रोना न पड़े मेरे हमदम मेरे हम नशिं जान हो,धड़कन हो तुम कह दो कभी के तुम्हारे बिन कभी जीना न पड़े रहो बाहों में तुम,दो सहारा मुझे भी इन बाहों का कभी किसी बाहों को मुझे तरसना न पड़े पास आओ कभी इतना के दूर जाना न पड़े! करो कुछ ऐसा जतन के बिछड़ के रोना न पड़े!! एक उम्र गुज़र जाए मेरा तुझमें,तेरा मुझमें सनम बन्धन ऐसा हो हमारा तन से लिबास लिपटा हो जैसे। ❤️ मेरे एहसास,मेरी कलम✍️ ♥️ Challenge-695 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।