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रस्ते में होते है बहुत लोग,सब रस्ता नहीं बताते है।

रस्ते में होते है बहुत लोग,सब रस्ता नहीं बताते है।
उतने होते नहीं है साथ,जितने साथ नजर आते है।
किसी की फितरत पहचानने का खास तजुर्बा तो नहीं मुझको।
मगर हमने फूल देखे थे जिनके हाथों में,उन्हीं में अब नश्तर नजर आते है। नश्तर: चाकू
रस्ते में होते है बहुत लोग,सब रस्ता नहीं बताते है।
उतने होते नहीं है साथ,जितने साथ नजर आते है।
किसी की फितरत पहचानने का खास तजुर्बा तो नहीं मुझको।
मगर हमने फूल देखे थे जिनके हाथों में,उन्हीं में अब नश्तर नजर आते है। नश्तर: चाकू

नश्तर: चाकू