Nojoto: Largest Storytelling Platform

कैसे दो राहे पर लाकर आज जिंदगी ने मुझे खडा़ किया ह

कैसे दो राहे पर लाकर आज जिंदगी ने मुझे खडा़ किया है
मुश्किल यह है यह राह एक -दूजे के विल्कुल विपरीत है 

फर्क़ इतना है एक खुद के प्यार की ओर जाता है और दूसरा अपनों का भविष्य सुधारने की ओर ..!! हे देवा! यह कैसी परीक्षा ले रहा है भुला चुका था जिसको मैं निकाल चुका था जिसको हृदय से अचानक गत वर्ष आकर दरवाजे पर खुद ही दस्तक देती है,

बेहिचक अवसर देख और खुद को अकेला पा मैने उसे स्वीकार भी कर लिया ,


#किन्तु अंतराल एक वर्ष का और फिर दो राह जिंदगी में आ पडे़ एक पर चलता हूँ जीवन अपना संवरता है और दूसरे पर चलता हूँ तो अपनों के हर अरमान पूरे कर सकता हूँ...

बप्पा तू ही कोई रास्ता दिखा ,अब तो मुझे कुछ समझ नही आ रहा है..!!
कैसे दो राहे पर लाकर आज जिंदगी ने मुझे खडा़ किया है
मुश्किल यह है यह राह एक -दूजे के विल्कुल विपरीत है 

फर्क़ इतना है एक खुद के प्यार की ओर जाता है और दूसरा अपनों का भविष्य सुधारने की ओर ..!! हे देवा! यह कैसी परीक्षा ले रहा है भुला चुका था जिसको मैं निकाल चुका था जिसको हृदय से अचानक गत वर्ष आकर दरवाजे पर खुद ही दस्तक देती है,

बेहिचक अवसर देख और खुद को अकेला पा मैने उसे स्वीकार भी कर लिया ,


#किन्तु अंतराल एक वर्ष का और फिर दो राह जिंदगी में आ पडे़ एक पर चलता हूँ जीवन अपना संवरता है और दूसरे पर चलता हूँ तो अपनों के हर अरमान पूरे कर सकता हूँ...

बप्पा तू ही कोई रास्ता दिखा ,अब तो मुझे कुछ समझ नही आ रहा है..!!