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*भटक गया हूं मैं कारवां से जरूर मगर मिलेगी मंजिल

*भटक गया हूं मैं कारवां से जरूर मगर
 मिलेगी मंजिल मुझे यह उम्मीद अभी बाकी है
 
जिसकी रोशनी से छट जाएगा अंधेरा मेरे राहों का
 मेरे हमदम मेरे हमसफर की दीद अभी बाकी है*

©Aurangzeb Khan
  #flash-#hmsafr

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