खामखा ही रूठ जाते है कुछ रस्ते में ही छूट जाते है कड़कती है बिजलियां बरसती है बूंदे फिर पेड़ो से कुछ आशियाने टूट जाते है किसी ले लगाया बड़े प्यार से बाग में फूल फूल है कि किसी को खुश करने में तोड़ लिए जाते है बाप ने कमाई सारी उमर दौलत बेटे हैं की दो पैसे कमाकर फूल जाते है वादा था उनका उमर भर साथ चलने का ओर फिर रस्ते में ही साथ छोड़ जाते है खामखां ही रूठ जाते है कुछ रस्ते में ही छूट जाते है । ©Suraj #My thinking#Emotion#Love# #Bird