मेरे बाहाने वह समझ ना सका मेरी आंखों मे वह प्यार देख ना सका कैसे रोकते हम उन्हे..... कागज पे लिखे हमारे नाम को मिटाता चला सपनों के आशियाने को तोड्ता चला कहते तो क्या तुम रुक जाते.... जिस दिल से निकाल चुके हो क्या उनमे रख पाते ? जवाब मॉंगना चाहते थे पर एक अजनबी से क्या ही बात करतें । सवाल आज भी है जब तोडना ही था तो ये नाता जोडा क्यूँ जब जाना ही था तो हाथ थमा क्यूँं बेवफाई का तमाचा भी क्या खुब है जख्म दिखते नहीं और निशां छोड जाते हैं। #रुको #LostTracks