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गीत


गीत                                                            

कितने अरसों में बादल बरसे हैं,
यहां तो पक्षी पक्षी बारिश को तरसे है,
बदले से मौसम में बदली सी छाया,
ये बदरा ठंडक लेकर आया,

एक एक बूंद की प्यासी धरती मांग रही हैं पानी,
रे बरसो रे बदरा, दे दो उसे जिंदगानी,
खगो ने विक्षल शोर मचाया,
बदरा बारिश लेकर आया,
कोयल ने भी गाया हैं,
 और गुनगुनाया है,
 ये बदरा तो
 एहसास लेकर आया है।

©S.P.Singh
  उमस भरी गर्मी में,इन बूंदों का एहसास 🌧️🌧️
satyampathlival23586

S.P.Singh

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उमस भरी गर्मी में,इन बूंदों का एहसास 🌧️🌧️ #Poetry

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