Nojoto: Largest Storytelling Platform

क्या लेके आया था, क्या लेके जाओगे? ये ज़िन्दगी बहु

क्या लेके आया था, क्या लेके जाओगे?
ये ज़िन्दगी बहुत छोटी है, क्या ज़िन्दगी लेके जाओगे?

झगड़ते हो इक जमीं के टुकड़े के लिए "अवि",
क्या मौत के साथ, जमीं भी लेके जाओगे?

हे! चारों तरफ सिर्फ "मैं",का ही चर्चा सारे शहर में,
क्या अपने जऩाजे को,खुद ही लेके जाओगे?

निकलते हैं हर रोज़ अनगिनत'मोती;मेरी आंखों से यह सोचकर,
हे!कुछ भी नहीं अपना,किसको साथ लेके जाओगे?

मां-बाप,भाई-बहन,बीबी,बच्चै-वच्चै सब,
सोना-चांदी,दौलत-शौहरत,आख़िर क्या-क्या लेके जाओगे?

अकेले आए थे,अकेले ही "मर" के जाना है तुमको,
ये "काया" है मिट्टी की,बस मिट्टी में ही मिल जाओगे।

- हमें विश्वास है कि हमारे पाठक स्वरचित रचनाएं ही इस कॉलम के तहत प्रकाशित होने के लिए भेजते हैं। हमारे इस सम्मानित पाठक का भी दावा है कि यह रचना स्वरचित है।

©ARUN VAIBHAV
  #thepredat#motivationalspeech or