मेरे फ़ोन की रिंगटोन अब बदलकर "पहला नशा पहला खुमार" हो गयी थी नया नया मोबाइल फोन शुरू हुआ था उन दिनों, जिद करके माँ से मोटोरोला का फोन भी ले लिया.... फोन क्या लिया जैसे जवानी की सारी उमंगों को पर लग गए थे । सब दोस्तों में सिर्फ मेरे पास फोन हुआ करता था, मगर फोन तो इन सब लोगों के लिए ज्यादा आते थे । समय का पहिया ऐसा चला कि मुझे भी मेरा हमसफ़र मिला..........., हमारे वक्त का वो प्रेम प्रसंग पूरे काॅलेज में हर एक की जुबान पर था । छोटी छोटी बातें और मुलाक़ातें जब कम लगने लगी तो हमें फ़ोन का सहारा लेना पड़ा। एक दूजे से बातें करने के लिए, और मेरे फ़ोन की रिंगटोन "पहला नशा पहला खुमार " हो गई थी,मगर सिर्फ एक ही नम्बर के लिए। उनका जब भी मन करता, फ़ोन कर देते थे .... और वो खास वाली रिंगटोन से मुझे उनके याद करने का एहसास हो जाया करता था। कितनी दफा ऐसा हुआ कि क्लास में जाते ही काॅल आ जाता और मैंने उनसे बात करने के लिए अपनी कई क्लासिज़ छोड़ी । इतने साल हो गए मगर आज भी जब कभी ये धुन सुनती हूँ तो वही सब याद आता है और चेहरे पर मुस्कान बिखेर देता है। #pehla_pyaar #pehla_nasha #Kahaniya #storytelling #anshulathakur #truequotes #feelings #nojotoquotesforall #nojotowritersclub #nojotohindi