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*मन की लिखूँ तो* *शब्द रूठ जाते हैं...* *और स

*मन की लिखूँ तो*
     *शब्द रूठ जाते हैं...*
*और सच लिखूँ तो*
    *अपने रूठ जाते हैं...*
*जिन्दंगी को समझना*
 *बहुत मुशकिल हैं जनाब,*
*कोई सपनों की खातिर*
 *"अपनों" से दूर रहता हैं*
*और*
*कोई"अपनों" के खातिर*
*सपनों से दूर...! #NojotoQuote It is difficult to understand life.
*मन की लिखूँ तो*
     *शब्द रूठ जाते हैं...*
*और सच लिखूँ तो*
    *अपने रूठ जाते हैं...*
*जिन्दंगी को समझना*
 *बहुत मुशकिल हैं जनाब,*
*कोई सपनों की खातिर*
 *"अपनों" से दूर रहता हैं*
*और*
*कोई"अपनों" के खातिर*
*सपनों से दूर...! #NojotoQuote It is difficult to understand life.

It is difficult to understand life.